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अमृत-प्रतीक्षा

प्रस्तुत कहानी लेखिका के ' ओड़िशा साहित्य अकादमी ' द्वारा पुरस्कृत कहानी - संग्रह ' अमृत प्रतीक्षारे ' में से ली गई है. मूल रूप से यह कहानी १९८६ में लिखी गई थी और तत्कालीन ओड़िया भाषा की प्रसिद्ध पत्रिका ' झंकार ' में प्रकाशित हुई थी. बाद में इस कहानी का अंग्रेजी रूपांतरण ' वेटिंग फॉर मन्ना ' शीर्षक से इप्सिता षडंगी ने किया , जो लेखिका के दूसरे अंग्रेजी कहानी - संग्रह ' वेटिंग फॉर मन्ना ' ( ISBN: 978-81-906956) में शीर्षक कहानी के रूप में संकलित हुई है. डॉ सरोजिनी साहू का विश्व की नारीवादी लेखिकाओं में एक विशिष्ट स्थान हैं. पाश्चात्य नारीवाद में उभरे मातृत्व के प्रति घृणा तथा वैराग्य के विपरीत मातृत्व को नारीत्व के एक अहम् हिस्सा मानने वाली यह कहानी लेखिका के नारीवादी विचारधारा को प्रस्तुत करती हैं . अमृत - प्रतीक्षा गर्भवती नारी को घेरकर वे तीन कर रहे थे अजस्र अमृत-प्रतीक्षा मगर बंद करके सिंह-द्वार सोया था वह महामहिम चिरनिद्रा में मानो रूठकर सोया हो बंद अंधेरी कोठरी के अंदर एक अव्यक्त रूठापन बढ